साहित्य से समाज, राजनीति और पत्रकारिता की जो थोड़ी-बहुत समझ मिली, उसकी रोटी अब तक खा रहा हूं। पहले पटना फिर दिल्ली में समकालीन जनमत के लिए काम करने के बाद भोपाल के माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में व्याख्याता के बतौर काम किया। फिर प्रभात खबर के धनबाद संस्करण में स्थानीय संपादक और प्रभात खबर इंस्टीट्यूट के निदेशक के रूप में काम का अवसर मिला। फिलहाल नई दुनिया के झारखंड संस्करण के ब्यूरो चीफ के रूप में रांची में कार्यरत हूं। सच की ताकत को सामने लाने की दिशा में सूचना के अधिकार से जुड़े कामों में दिलचस्पी है।
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