Sunday, September 13, 2009


हिंसा में मनोरंजन

-रघुवीर सहाय

अत्याचार के शिकार के लिए
समाज के मन में जगह नहीं
तब जो बताते हैं
वह उसका दुख नहीं
आपका मनोरंजन होता है.

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